स्वस्तिक अत्यन्त प्राचीन काल से भारतीय संस्कृति में मंगल-प्रतीक माना जाता रहा है।
इसीलिए किसी भी शुभ कार्य को करने से पहले स्वस्तिक चिह्न अंकित करके उसका पूजन किया जाता है।
स्वस्तिक शब्द सु+अस+क से बना है।
‘सु’ का अर्थ सुंदर,’अस’ का अर्थ ‘सत्ता’ या ‘अस्तित्व’ और ‘क’ का अर्थ
कोरोना के सिखाये सबक क्या याद रहेंगे?
सूर्य पुत्री रश्मि मल्होत्रा
देश में लॉकडाउन का दौर समाप्त है। इसमें भी देश में काफी सड़कें सूनी पड़ी हैं और काफी कामकाज ठप पड़ा है। समझदार लोग घरों में रहकर वायरस का प्रकोप कम होनेका बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। लेकिन कोरोना काल
करोना से बचने के योगिक उपाय
आज आप लोग देख रहे होंगे करोना की वजह से लोगों का कितना बुरा हाल हो रहा है !दिन पर दिन करोना के मरीज बढ़ते जा रहे हैं !और जितने भी करोना के मरीज बढ़ते जा रहे हैं उनको जो तकलीफ है वह गले में तकलीफ, छाती
कोरोना से बचाव का एकमात्र विकल्प : योग-प्राणायम
चारों तरफ कोरोना का शोर है। और इस शोर के बीच हम अब लॉकडाउन से अनलॉक वाले फेज में पहुंच गए हैं। कुछ विशेषज्ञ बता रहे हैं कि भारत में जुलाई तक कोरोना का चरम बिंदु आएगा, जबकि कुछ विशेषज्ञ नवंबर मध्य तक चरम बिंदु आने की संभावना जता रहे
कोरोना आपदा में सैकड़ों बच्चों को नि:शुल्क पाठ्य सामग्री वितरण कार्यक्रम
कोरोना वायरस आपदा से बचाव के लिए द ओम फाउंडेशन चैरिटेबल ट्रस्ट पहले दिन के संकेत से राहत कार्यों में कार्यरत है| निशुल्क फेस मास्क , सेनीटैज़ेर , हैण्ड ग्लोवे, भोजन सामग्री , साबुन इत्यादि ज़रूरतमंद लोगो तक पहुँचाने का काम बहुत संजीदगी से कर रही है |
कोरोना संकट से
Relief of Rashan in Pandemic Lockdown by Warrior Rashmi Malhotra
Noval Corona virus has hit the world in big way. We are seeing the worse effects of this pandemic throughout the world everyday. Governments are doing their best to fight against this unseen enemy. In India Corona virus has taken many lives and due to lockdown thousands of poor are fighting for
झुग्गी के बच्चों एवं माता-पिता को कोरोना वायरस से बचने के गुर सिखाए
बच्चों को नि:शुल्क मास्क एवं सैनिटाइजर बांटे
भारत कोरोना के स्टेज 2 में पहुंच चुका है। देश में अब तक कोरोना से तीन मौतें भी हो चुकी हैं| कुल संक्रमितों की संख्या 150 को क्रॉस कर गई है। हर
क्या है होली और राधा-कृष्ण का संबंध
होली के पर्व का जिक्र आते ही मन रंगों से खेलने लगता है और प्रेम के इस पर्व में हर कोई राधा व कृष्ण हो जाना चाहता है। आप सोच रहे होंगे कि राधा व कृष्ण का होली से क्या नाता हैहोली और राधा-कृष्ण का क्या संबंध है |
भगवान
ईश्वर ने यह सृष्टि क्यों रची ?
प्रश्न : यदि इस संसार में इतना दुःख है तो ईश्वर ने यह सृष्टि ही क्यों रची?
उत्तर : ईश्वर ने यह दुनिया बनायी इसके पीछे का कारण हमारी अर्थात जीवात्मा की ‘भोक्ता एवं नियन्ता’ बनने की स्वार्थपूर्ण इच्छा थी। जिस प्रकार से एक छोटा बच्चा अपने पिता की नकल करके या
संस्कारों के गंगाजल से सींचें अपनी सन्तानों को
घर में पधारे अपने अतिथि का यदि आप प्रफुल्लित होकर सत्कार करते हैं तो कभी भी आपके बच्चे अतिथि का अपमान नहीं करेंगे, क्योंकि उन्होंने बचपन से ही अतिथि सत्कार के संस्कार आपसे सीखे। कोई घर में आया और आपने मुंह बना लिया ‘हे भगवान, यह आफत कहाँ से